बचपना
बचपना
इन बच्चों के हाथों में चाँद का टुकड़ा रहने दो
इन बच्चों में अभी थोड़ा बचपना रहने दो l
सीख ही जाएँगे बड़ों की चालाकियाँ ये भी
जब तक हो सके ये मासूमियत रहने दो l
इनके बचपन में झलकती हैं नlदानियाँ अपनी
अपनी ना सही इनकी तो नादानियाँ रहने दो l
हम तो कहीं खो गए ज़िंदगी की उलझनों में
इनमे ,कहीं तो ज़िंदगी को थोड़ा सुलझी रहने दो l
इन बच्चो के हाथो में चाँद का टुकड़ा रहने दो ll