अपना भाग्य आप गढ़ना
अपना भाग्य आप गढ़ना
जो खो गया उसका
शोक मत मनाना।
जो खो गया
वो गया।
क्या पता
फिर कब मिलेगा ?
या ना मिलेगा।
शोक मनाना
अनादर होगा उसका,
जिसका होना
तुमने इतना चाहा।
जो तुमने खोया,
शायद वो होगा
किसी और का।
प्रारब्ध से क्या लड़ना ?
लड़ने से बेहतर होगा,
दोबारा अपना भाग्य गढ़ना।