अफसाना
अफसाना
एक अफसाना तुमसे भी कहना ऐ रात जरा बात तो सुन,
दिन के उजाले में भीड़ लगी है पर सुनने वाला कोई नहीं,
जिससे कह देता था मैं दिल की बातें आज वो है ही नहीं,
तू ही आज ठहर जा और सुन ले मेरी दिल की बातें सभी,
वो बातें जो तुझ संग बैठकर हमने उनसे कही थी कभी,
एक अफसाना तुम्हें है सुनाना ऐ रात जरा बात तो सुन।