अन्तर्मन की आवाज़
अन्तर्मन की आवाज़


संगीत के सुर सा स्थाई भाव ऐसा जिसे सुन सको,
भाव के रंग हजार, गुंजाइश नहीं जिसे पढ़ सको।
शांत, सौम्य, सरल सा पर अंतर्दृष्टि चहूँ ओर खुली,
प्रेरित करने की अदम्य, अद्भुत शक्ति सृष्टि से मिली।
जाने किस किस दर्शन के अबूझ पहेली में खोए ,
साक्षात्कार की भरपूर भ्रम को स्वतः ही निभाए।
ललाट की लालिमा से, मनहर माहौल सारा,
सूर्य की भक्तिभाव, चिर चिरंतन से अटल तारा।
हर के अन्तर्मन की चाह को निभाने की कोशिश,
निरंतर, निरपेक्ष हर निश्चय को निभाने की कोशिश।
अन्तर्मन के आवाज की स्थिरता, विद्वता ही प्रतीक हो,
इस कालखण्ड कुनबा के परिचायक संतति सुधा हो।