अंतिम ख्याल
अंतिम ख्याल
अंतिम इच्छा जैसी चीज़ होती है क्या! इस दुनिया में।
मृत्यु दंड जिनको दिया जाता था उनसे सच में पूछा जाता था क्या?
क्या सच में अंतिम इच्छा का इतना महत्व होता था ?
क्या सच में उस अंतिम इच्छा को पूछा जाता था?
आज जब मेरी सज़ा लिखी जा रही है, क्या मुझसे भी कोई पूछने आयेगा?
कोई आयेगा क्या जानने की मेरी अंतिम इच्छा क्या है?
पर कोई पूछेगा नहीं, कोई आयेगा नहीं।
मैं चाहती थी मरने के पहले एक बार ही सही
बोल सकूं। बता सकूं मेरी भी है एक अंतिम इच्छा।
मुझे ज़ोर से चीखना था, चिल्लाना था तुम्हारा नाम।
तुम्हारा नाम!
मेरी अंतिम इच्छा तुम थे।
तुम....
हां तुम थे मेरी अंतिम इच्छा।
तुम जो मेरे कुछ नहीं थे।