अंतहीन
अंतहीन
रुक जाओ, बहुत दौड़ चुके हो,
बूढ़े मां बाप, बहन भाई
नानी का आंगन, मौसी मामा
रिश्तों को पीछे छोड़ चुके हो।
रुक जाओ बहुत दौड़ चुके हो।
बाज़ार से लाते चाचा, कंपंट गोली हर बार,
उन से भी नाता तोड़ चुके हो।
रुक जाओ थोड़ा, बहुत दौड़ चुके हो।
सब के गम में शामिल होना,
हाथ पकड़ कर रो लेना,
मेल कराता, खारा पानी,
आंसू बहाना भी छोड़ चुके हो
रुक जाओ, बहुत दौड़ चुके हो।
