अनमोल रिश्ता
अनमोल रिश्ता
कुछ तो होगा तेरे मेरे बीच,
यूंही नहीं अजनबी अपने बनते
तू मिले तो लगे सारी ख़ुशियाँ मेरे पास है,
हँसी का कारण तू है,
उदासी भी तेरी उदासी से है,
हर पल यूंही साथ रहे मेरे यही आरज़ू है,
न रोज़ बात होती है न रोज़ मुलाकात होती है,
पर जब तुझे मिलूं तो लगे हर लम्हा तू साथ होती है,
तुझे से ना कोई झूठ बोल सकती हूँ
ना सच छुपा सकती हूँ
जब दिल में कोई बात चुभती है तो तेरी याद पहले आती है,
हाँ तू जीने की उम्मीद है, तुही जिंदगी की सांस है,
ना टूटे अपना नाता ये, यह तो अनमोल रिश्ता है।
