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Prateek Sharma "Sangam"

Drama

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Prateek Sharma "Sangam"

Drama

अनजाना सफर

अनजाना सफर

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जिंदगी एक सफर है सुहाना

बड़े बड़े दिग्गजों ने है ये माना

फिर भी मेरा दिल मस्ताना

ना जाने किस डगर को चाहे है जाना !


यार परिवार का हाथ छोड़कर

चल पड़ा मैं नई डगर पर

अनजान है यह रास्ता लगता है डर

चले हम उस डगर, एक अनजान सफर पर !


लौटेंगे या नहीं लौटेंगे यह नहीं पता है

दिल में एक जासूसी का भुत छिपा है

सफर कर खोल देंगे सारे राज़

ना रहे तो,

जाना है सबको कल या आज।


ना जाने हम कौनसे मोहल्ले

और कौनसी गली

देने चले है अपने ही जीवन की बलि

फिर भी मेरा दिल ना माने

अनजान गली में अनजान

सफर पर जाने को ठाने !


अनजान है यह रास्ता लगता है डर

चले हम उस डगर, अनजान सफर पर !


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