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Prateek Sharma "Sangam"

Others

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Prateek Sharma "Sangam"

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बेटी

बेटी

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कहती है यह पूरी सृष्टि 

बदलो अपनी महिलाओं के प्रति दृष्टि 

पर कैसे बदलेगी यह सोच 

जब अकल में ही आयी है मोच 


जब पूरी दुनिया सोती है 

एक बेटी घुट घुट के रोती है 

झुक गयी धरती झुक गया जमाना 

पर एक बेटी की बात को किसी ने ना मना 


जब घर की शान होता है बेटा तो बेटिया होती मान 

फिर क्यों नहीं मिलता सम्मान 

बस टीवी पर दिखाने से सब नहीं जाता बदल 

दिखाना होगा की बेटियों में है बेटों से ज्यादा बल 


जो समझते बेटिया होती बोझ 

वो एक हत्या करते हर रोज़ 

जब बेटी में बसती हर नन्ही जान 

फिर इस बात से हम क्यों बनते अनजान


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