अनजान डगर
अनजान डगर
मैं गया उस डगर को
इक अनजान सफर को
मेरी मुलाक़ात हुई उस अजनबी से
कुछ समझ में
कुछ बेसुधी से....
खोया था मैं,
उसकी नज़र में,
इक झलक में,
इक फलक में......
उस अनजान सफर में
उस अनजान डगर में
उस प्यार के राह में
तेरी हाँ की इन्तजार में
उस अनजान डग रमें
उस अनजान सफर में.....