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डाॅ सरला सिंह "स्निग्धा"

Inspirational

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डाॅ सरला सिंह "स्निग्धा"

Inspirational

अमृत

अमृत

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अमृत सी वाणी है तेरी 

चाहे मन ये करना पान।

दर्शन दो हे नटवर मेरे !

जरा बढ़ा दो मेरा मान।


मन आशा बढ़ती जा रही

जाग रही मन मेरे आस।

वंशी धुन वह मधुर सी

सुनने की जागी प्यास।


मैं तो हूं तेरी इक बावरी

दे दो प्रभु मुझको ज्ञान।


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