STORYMIRROR

Shruti Sharma

Inspirational

4  

Shruti Sharma

Inspirational

अमर शहीद कप्तान विक्रम बत्रा

अमर शहीद कप्तान विक्रम बत्रा

1 min
3.5K


जिंदगी की हर चुनौती से मैं डटकर टकराऊँगा ,

की अपना कर्तव्य पूरा किए बिना मौत भी आ गई

तो उसे भी उसकी कब्र में दफनाउँगा ,

फौजी हूँ या तो शान से तिरंगे को लेहराऊँगा ,

या फिर उसी तिरंगे की शान से नवाज़ा जाऊँगा ।


जब आऊँगा तो या तो तू मुझे या फिर मैं तुझे गले लगाऊँगा ,

अगर जो तूने लगाया गले तो मैं याद बन जाऊँगा ,

दिलों में ही सही मगर आबाद बन जाऊँगा ,

जब याद आऊँ मैं तो होना खड़े आईने के सामने क्षणों में ही तेरे सामने आऊँगा ,

कभी खयालों तो ख्वाबों में आकर तेरी यादों को सजाऊँगा ।


ना निभा सका जो बेटे भाई और पति का धर्म वो

अगले जन्म में निभाऊँगा ,

मगर हर बार देश धर्म को ही सबसे ऊँचा बतलाऊँगा ,

मेरे आने की उम्मीद ना चोद्ना मेरे भाई ,

इस बार नहीं तो अग्ली बार सही

मगर ये वादा रहा 

मैं लौट कर ज़रूर आऊँगा । ।

मैं लौट कर ज़रूर आऊँगा । ।


एक फौजी के रूतबे से बड़ा और कोई रुतबा कहीं नहीं ,

मेरे जाने के गम में ही डूबे रहो ये तो सही नहीं ,

मैनें कहा ना मैं आऊँगा ,

इसलिए याद रखना 

देश के लिए ना बहाया लहू का एसा कोई कतरा नहीं ,

अगर जो ना आऊँ लौट के तुमसे मिलने 

तो मै भी विक्रम बत्रा नहीं ।।

मैं भी विक्रम बत्रा नहीं ।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational