अमन और चैन अब।
अमन और चैन अब।
अमन और चैन अब दिखाई देता नहीं हमें,
चारों तरफ़ अन्याय और हिंसा दिखती हमें।
देखो रब जी तेरी दुनिया का क्या हाल हुआ,
अशांति की वजह से अब तो बुरा हाल हुआ।
आज युद्ध पर युद्ध ही रोज़ होते जा रहे अब,
मानवता का इतना बुरा हाल हो रहा है अब।
आख़िर कब तक ऐसे यही सब चलता रहेगा,
मानवता अनमोल है ये इंसान कब समझेगा।
ऐशो-आराम और धन-दौलत के लिए इंसान,
बनता जा रहा अब कैसे शैतान और हैवान।
अब तो दया हम सभी पर रब्बा ज़रा करना,
मानवता सबसे ज़रूरी ये अब हमें समझना।