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Noor Jahan

Abstract

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Noor Jahan

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वतन के नाम

वतन के नाम

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ये देश सिर्फ देश नहीं शान है हमारा,

हम भी करते है दिल ओ जान से मोहब्बत,


दिल से अज़ीज है वतन की एक एक चीज़,

ये सिर्फ वतन नहीं हमारी आंखो का तारा है,


इसकी आबो हवा में है सुगंध मोहब्बत की,

इसकी आबो हवा में है आपसी प्रेम भाई चारा,


इसलिए अपने इस वतन की हवा भी है अजीज,

आनंदित करती सावन की काली घटाएं,


वो बारिश की एक एक बूंद मे खुशियों की फुहारें,

कोयल का कुहुंकना और चिडिय़ों का चहकना,


सावन में जंगल में मोर का आनंदित होकर नाचना,

दरियाओं की मौजों की रवानी,


मौसम का पल पल मे बदलना,

ये सब है हमारे वतन की खासियतें,

ऐसा है हमारा मां के समान व अजीज ये वतन।


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