बहुत देखे मंदिर मस्जिद ऐसा धाम न देखा है, मां पिता के चरणों में सूरज को उगते देखा है बहुत देखे मंदिर मस्जिद ऐसा धाम न देखा है, मां पिता के चरणों में सूरज को...
शिकवे शिकायतों के चारों घिरे हुए हैं, जहाँ जाए वहीं सब देखो अड़े हुए हैं। शिकवे शिकायतों के चारों घिरे हुए हैं, जहाँ जाए वहीं सब देखो अड़े हुए हैं।
ये नहीं हुआ, वो नहीं हुआ ये होता तो कितना अच्छा होता ये नहीं हुआ, वो नहीं हुआ ये होता तो कितना अच्छा होता
बारिश का मौसम, मन भावन मन को भाता खूब सावन बारिश का मौसम, मन भावन मन को भाता खूब सावन
हर्ष उल्लास से कट जाती है जज्बा-जुनून हो तन मन..... हर्ष उल्लास से कट जाती है जज्बा-जुनून हो तन मन.....
यहाँ मानव से पशु पक्षी तथा प्रकृति चहूँ ओर बस चारों ओर राधाकृष्ण राधाकृष्ण यहाँ मानव से पशु पक्षी तथा प्रकृति चहूँ ओर बस चारों ओर राधाकृष्ण राधाकृष्ण