अल्पविराम
अल्पविराम
ज़िंदगी के पन्नों पर,
अक्षरों के बीच की
वो ख़ाली जगह,
अच्छी होती है,
कभी-कभी...!
हर मनोरम
दृश्य के मध्य,
पलक-झपकी का
कला बिंदु,
मन को सुहाता है,
कभी-कभी...! "
ज़िंदगी के पन्नों पर,
अक्षरों के बीच की
वो ख़ाली जगह,
अच्छी होती है,
कभी-कभी...!
हर मनोरम
दृश्य के मध्य,
पलक-झपकी का
कला बिंदु,
मन को सुहाता है,
कभी-कभी...! "