अलादीन का चिराग
अलादीन का चिराग
काश!...मुझे भी मिल जाए,
अलादीन का एक चिराग।
कर दूं हर मुश्किल आसान,
बाधाएं सब जाएं भाग।।
कोरोना की बीमारी का,
ढूंढ निकाले कोई हल।
हो जाएं सब स्वस्थ जगत में,
फिर से जीवन रहे सरल।।
कोई मुझे भी लाकर दे दो,
अलादीन सा एक चिराग।
उस चिराग से निकले जिन्न,
फिर जिन्न सुनाएं मुझको राग।।
राग को सुनकर बड़े मनोबल,
फिर मन को सुदृढ़ कर पाऊं।
लिख दूं ऐसी चरित्र महारत,
सबको सुखमय पल दे पाऊं।।
ना ही कोई.........रहे दुखारी,
ना ही कोई.........हो बेचारा।
हम भी सुखी व तुम भी सुखी,
बस यही रहे उद्देश्य हमारा।।