अकेला इंसान
अकेला इंसान
पर्वत लांघ कर,
कोई महान नहीं होता,
अकेला इंसान,
कमाल नहीं होता,
जब मिलते हैं,
एक और एक ग्यारह,
तब ही
एकता का पैगाम होता है
एक और एक ग्यारह,
मिलकर राई को भी,
पहाड़ बना देते हैं,
बियाबान जंगल में,
धमाल मचा देते हैं,
पूरी दुनिया देखती,
रह जाती है,
वो मिलकर,
कमाल दिखा देते हैं,
एक और एक ग्यारह,
मिलकर बनती है,
हिम्मत, ताकत, और एकता,
जो हुजूम को भी झुका देते हैं
एक और ग्यारह,
बनाते हैं भीड़ को टीम,
वो टीम विश्व विजयी होकर,
देश को महान बना देते हैं।
