अजन्मा हूँ
अजन्मा हूँ
अजन्मा हूँ, हूँ तेरे दिल में
बन के तेरा ही विचार।
न देख तू इधर उधर
मैं हूँ तेरी ही धार।
क्या पाया है क्या खोया है
ये सब सोच विचार
त्याग कर इन स्वार्थी दुनिया
सादे जीवन को कर स्वागत।
अजन्मा हूँ, हूँ तेरे दिल में
बन के तेरा ही विचार।
न देख तू इधर उधर
मैं हूँ तेरी ही धार।
क्या पाया है क्या खोया है
ये सब सोच विचार
त्याग कर इन स्वार्थी दुनिया
सादे जीवन को कर स्वागत।