STORYMIRROR

अजनबी

अजनबी

1 min
28.5K


चंद घंटो का ही सफ़र था

अचानक मिलना हुआ था


वो प्यार से मुस्काया था

फिर बातो का दौर चला था


रिश्ता वैसे तो कोई नहीं था

अपनेपन का एहसास हुआ था


मंजिल आ गई अपनी अपनी

वहीं अधूरी रह गई वो कहानी


क्या बताऊं मैं, वो कैसे पल थे ?

जब मिले थे उस अजनबी से।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance