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Santosh Kumar Verma

Inspirational

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Santosh Kumar Verma

Inspirational

ऐसे थे बहादुर लाल

ऐसे थे बहादुर लाल

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ऐसे थे बहादुर लाल

राम दुलारी और शारदा प्रसाद 

के प्यारे लाल

जिनका जन्म हुआ

2 अक्टूबर उन्नीस सौ चार

मुगलसराय जिनका जन्म स्थान


जिनमें थी गुणों की भरमार

शालीनता की थे वे मिशाल

पर समझौता करने को न तैयार

ऐसे थे हमारे बहादुर लाल।


निर्धनता में पले बढ़े

खुद को कभी न 

कमजोर समझे

मरो और मारो और

जय जवान जय किसान

का नारा देकर किए

सभी में रक्त संचार


दुश्मनों के लिए थे वे काल

जिन्होंने किया राजनीति में

उत्तम नेतृत्व प्रदान

देश के बने द्वितीय प्रधान

ऐसे थे हमारे बहादुर लाल।


नहीं बर्दास्त था जिन्हें

देश का अपमान

भले आधी पर खाए जनता 

पर घटे ना भारत की मान

उनके शोर्य से चमकता

पूरे भारत की शान


तासकंद समझौता के बाद ही

रहस्यमई मौत के हुए वे शिकार।

भारत रत्न से सुशोभित है जो

समाधि है जिनकी राज - घाट

उनको मेरा बार बार प्रणाम।


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