STORYMIRROR

Santosh Kumar Verma

Abstract

4  

Santosh Kumar Verma

Abstract

कैसे होली मनाऊंगी

कैसे होली मनाऊंगी

1 min
188

कैसे होली मनाऊंगी

तुम बिन सजनाा

सुनी होगी गालियां,रास्ता

सूना पूरा अंगना

कैसे होली मनाऊंगी

तुम बिन सजना

ननद भी होगी 

देवर भी होंगे

पर होगे तुम संग न

कैसे होली मनाऊंगी

तुम बिन सजना

रंग मैं न लगाऊंगी

तुम बिन सजना

होली कैसे मनाऊंगी

तुम बिन सजना

होली तभी मनाऊंगी

साथ होगे जब सजना

रंग तुम्हीं से लगाऊंगी

मेरे सजना

कोरी मैं रह जाऊंगी

मेरे सजना

रंग मैं न लगाऊंगी

मेरे सजना

कैसे होली मनाऊंगी

तुम बिन सजना।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract