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Mahak Garg

Inspirational

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Mahak Garg

Inspirational

ऐसे देश में रहती हूँ मैं

ऐसे देश में रहती हूँ मैं

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सूर्य जहाँ सबसे पहले उगता हो

सोने की चिड़िया जिसे कहा

जाता हो

धरती माता का जहाँ सत्कार

होता हो

ऐसे देश में रहती हूँ मैं,

कितनी खुशकिस्मत हूँ मैं


जहाँ राधे-कृष्ण का वास हो

जहाँ पंडितों को पूजा जाता हो

जहाँ झंडे को सम्मान दिया

जाता हो

ऐसे देश में रहती हूँ मैं,

कितनी खुशकिस्मत हूँ मैं


जहाँ होली और दीवाली का

राग होता हो

जहाँ पड़ोसी को पहला सगा

कहा जाता हो

जहाँ दुश्मन से भी प्यार

किया जाता हो

ऐसे देश में रहती हूँ मैं,

कितनी खुशकिस्मत हूँ मैं


जहाँ गुरु को भगवान कहा जाता हो

जहाँ माँ को स्वर्ग और पिता का

अंबर का दर्जा प्राप्त हो

जहाँ नारी, पुरुष के समान हो

ऐसे देश में रहती हूँ मैं,

कितनी खुशकिस्मत हूँ मैं


जहाँ मूर्ति की भी आराधना होती हो

जहाँ लोग अहिंसा की राह अपनाते हो

जहाँ अंग्रेजों का भी आगमन होता हो

ऐसे देश में रहती हूँ मैं,

कितनी खुशकिस्मत हूँ मैं


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