करते हैं
करते हैं
इस क्वारंटीन का सही उपयोग करते हैं,
यूं ही बोरियत में नहीं गंवाते हैं।
चिड़िया उड़ या आँख-मिचोली जैसे खेल खेलते हैं ,
लूडो-कैरम में एक दूसरे को हराते हैं ,
गुड्डे-गुड़िया का ब्याह रचाते हैं ,
ढोलक बजा भजन-कीर्तन करते हैं ,
थोड़ा डांस करते हैं,
या फिर कोई गीत गुनगुनाते हैं,
क्यों न कोई फिल्म ही देखते हैं
चलो न ! फोटो एल्बम देखते हैं,
या कोई पुरानी डी ॰वी॰डी देखते हैं,
थोड़ा अपने बचपन को जी लेते हैं
थोड़ा बच्चों संग खेलते हैं,
थोड़ा बुजुर्गो संग बैठते हैं,
थोड़ा उन बीते पलों को याद करते हैं।
थोड़ी साफ़ - सफाई करते हैं,
थोड़ा काम में हाथ बँटाते हैं,
या नए-नए पकवान बनाते हैं,
पौधों से थोडी मुलाकात करते हैं,
मातृभूमि से थोड़ा और जुड़ते हैं,
ज़रा प्रकृति को धन्यवाद करते हैं
हमें सब कुछ प्रदान करने वाले
वृक्षों का ज़रा शुक्रिया अदा करते हैं ।
चलो कुछ नया सीखते हैं,
थोड़ी पढ़ाई करते हैं या फ़िर किसी को पढ़ाते हैं
चलो अपनी प्रतिभा को निखारते हैं
या फ़िर खुद में कुछ नया खोजते हैं
थोड़ा देश के बारे में सोचते हैं
थोड़ा समाज, थोड़ा अपने लिए सोचते हैं
कुछ पल परिवार संग बैठते हैं ।
क्यों न जीवन रक्षकों को धन्यवाद करते हैं
थाली - ताली बजाकर उनका आह्वान करते हैं
दीप जला पुलिस व डाक्टरों को एक सलाम करते हैं
खुद को थोड़ा सुरक्षित रखते हैं
सरकार की बातों पर गौर फ़रमाते हैं
कोरोना वायरस से स्वयं की रक्षा करते हैं
चलो स्वयं एक मुहिम चलाते हैं
लाॅकडाउन में देशवासियों का साथ निभाते हैं
कोरोना के खिलाफ जंग में अपना भी योगदान देते हैं ।
समय का हवाला देकर
जिस काम को अक्सर टाल देते थे,
आज वो पुण्य कर्म करते हैं
कुत्ते को रोटी या चिड़िया को दाना डालते हैं ,
जिसे तुम भूल गये हो
चलो उस भगवान को याद करते हैं,
कोरोना का जल्द अंत हो
ऐसी प्रार्थना करते हैं ।