STORYMIRROR

writer 👉jashanpreet kaur

Classics Fantasy Inspirational

4  

writer 👉jashanpreet kaur

Classics Fantasy Inspirational

ऐ मेरी जान, मेरे वतन

ऐ मेरी जान, मेरे वतन

1 min
517


ऐ मेरी जान, 

 मेरी जान,

मेरे वतन,

मेरे वतन,

मेरे ख्वाब हैं बहुत।

तेरा मानता मैं हुकुम।


मैं बहादुर हो जाऊँ,

तेरी हवा में मिल जाऊँ,

सिर्फ इस मिट्टी के लिए,

कुरबान हो जाऊँ,

साहिल में बैठके,

होता नहीं कुछl


यार मेरे यार, 

मेरे वतन,

कोई गुनाह न हो जाए,

शुक्रिया शुक्रिया कह दुँ,

दिल मेरे एक नाम, 

वतन ही है।


मोदी साहब की कसम।

यहाँ की इमारतें हैं सुंदर।

जमाह तराह ज़रब, 

और कीशमाह सब पढ़।


जब देखूँ मैं तरजनाह,

देखूँ अपना वतन।

हर वरके पर लिखा,

होगा वतन।

कर कर तमरीन,

करेंगे सब कुछl


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics