अहिंसा
अहिंसा
अहिंसा का मतलब पूछो शकुनी से,
मारने को पांडव तैयार खड़ा था।
लाक्षा गृह में मौत का तांडव मचाने,
रिश्ते नाते सबकुछ भुला था।
अहिंसा का मतलब पूछो द्रोण से ,
बालक अभिमन्यु निधन के चक्रव्युह रचा था।
अहिंसा का मतलब पूछो अर्जुन से,
शस्त्र त्यागकर
मोह में लड़खड़ाया था।
अहिंसा का मतलब पूछो अस्वथामा से ,
बदले के आग में कसाई बना था।
पूछो मुग़लों से अहिंसा का मतलब ,
सैकड़ों
हिन्दू नारियों के मांग उजाड़ा था।
और पूछ लो अहिंसा क्या होता है अंग्रेजों को
कितने छाती छलनी हुए थे।
अहिंसा का मतलब पूछो उस पिता से ,
राउलपिंडी के मस्जिदों में लाखों हिन्दू के
रूह कांप रहे थे ।
आज़ाद हिंद फ़ौज के उन चौदह हज़ार शहिदों को पूछो
बिना खडग -ढाल उठाये कैसे आज़ादी मिली थी।
अहिंसा का बल क्या है,पूछो उन वीर जवानों को,
उस पार से जब गोली चलता है उन्हें,
कौन सा धर्म निभाना था।
अहिंसा का मतलब पूछो उस वंचित से ,
लुटेरों के खिलाफ़ शस्त्र उठा के,
कौन सा महापाप किया था।