Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Lakshman Jha

Romance

4.0  

Lakshman Jha

Romance

“ अधूरी प्यास “

“ अधूरी प्यास “

1 min
407


जरा सा रुक जाओ तो, खुलके दीदार करूँ !

बरस के बाद मिले हो, थोड़ा सा प्यार और करूँ !


अधूरा प्यार हमें, रोज ही तड़पाएगा !

तुम्हारी याद में, दिल न धडक पाएगा !


अभी तो पास हैं, थोड़ी बातें और करूँ !

बरस के बाद मिले हो, थोड़ा सा प्यार और करूँ !


मेरी जो यादें हैं, जाने के बाद आएंगी ! 

तुम्हारी आखों में, बारिश भर आएंगी !


कुछ बातें अभी भी हैं, क्यों ना इजहार करूँ !

बरस के बाद मिले हो, थोड़ा सा प्यार और करूँ !


कभी ना सोचना कि, हम तुमसे दूर जाएंगे !

एक आवाज तो देना, हम दौड़े चले आएंगे !


तुम्हारे रूप को फिर, से निगाहों से वार करूँ !

बरस के बाद मिले हो, थोड़ा सा प्यार और करूँ !


जरा सा रुक जाओ तो, खुलके दीदार करूँ !

बरस के बाद मिले हो, थोड़ा सा प्यार और करूँ !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance