अबोला
अबोला
तेरे और मेरे बीच
ये कैसा अबोला है।
न तुम जानो न हम
ये कैसा अबोला है।
तुमसे बात करके ही
मेरे दिन की शुरुआत होती है।
फिर ये कैसा अबोला है।
मेरे हाथ की चाय से
मिलती है तुम्हें सुबह प्यारी।
फिर ये कैसा अबोला है।
देखके मेरे चहेरे की हंसी
तुम खुश हो जाते।
फिर ये कैसा अबोला है।
देखकर मेरा गुस्सा
प्यार से तुम मनाते।
फिर ये कैसा अबोला है।
