अभिनन्दन है
अभिनन्दन है
करते है तुझे अभिनन्दन!!
माँ ले खड़ी है हल्दी चंदन!
पिता करे अगवानी नन्दन!
जन जन का है तुमको वन्दन!
कोटि-कोटि नमन हे अमर जवान!!
तुझ पर गर्वित यह देश महान।
आओ!सच्चे सपूत भारत के
अश्रु न आज बहाएंगे
तेरी शहादत बनी है गौरव
तेरे त्याग को कदापि न भुलाएंगे।
कोटि-कोटि नमन हे अमर जवान !!
तुझ पर गर्वित यह देश महान।
शौर्य तुम्हारा अप्रतिम अद्भुत
साहस अविचल अटल
तुम्हारे अदम्य पराक्रमके सम्मुख
स्वयं काल का
मिटा चुका निज अस्तित्व
तूने कर दिया यह सिद्ध
कि हूँ मैं
उस पावन धरा का वीर बांकुरा
जिस महान् देश
के सृष्टा थे शूरवीर
स्वयं रघुनन्दन!
जय भारत!
जय भारत माता!!
जय जय वीर जवान अभिनन्दन !!!
फहरा दी तिरंगे की पताका
जय भारत जयघोष किया
वतन की माटी की गोदी में
फिर अंतिम श्वासों को जिया।
आज शहादत पर
उस वीर की
अनगिनत झुकते हैं शीश।
भेजा था जीता और जागता
इक मुस्तैद सा प्रहरी
नेत्र मूंद लेटा है बहादुर
निद्रा में तू गहरी
देश के लिए
जो कर गया प्राणोत्सर्ग
स्वतंत्र भारत जिसकी है बख़्शीश।
कोटि-कोटि नमन हे अमर जवान!!
तुझ पर गर्वित यह देश महान।
कतरा-कतरा
जोड़ स्व रुधिर का
बन पड़ी थी
निर्मात्री जिस सुत की।
उर के उस टुकड़े के
विकीर्ण कण-कण को
आज समेट रक्त रंजित हो सिरह उठा
आंचल ममत्व का।
कोटि-कोटि नमन हे अमर जवान!!
तुझ पर गर्वित यह देश महान।
फटी न छाती फिर भी
दारुण पीर देख।
उस सद्य परिणीता के
रक्ताभ ललाट पर
फैले सिन्दूर के क्रंदन से।
कोटि-कोटि नमन हे अमर जवान!!
तुझ पर गर्वित यह देश महान।
शक्ति हीन हो चुकी
सुदृढ़ भुजाएं
झूला थीं बनीं कभी
जनक बन कर उस लाल की।
कोटि-कोटि नमन हे अमर जवान!!
तुझ पर गर्वित यह देश महान।
दिग्विदिक उठता धुंआ
गुबार पूरित गली-गली बारूद से।
चीख पुकारें और रुदन
आततायी आतंक का नर्तन।
शोणित लहुलुहान हुए पथ
कंपन क्रंदन का हाहाकार।
कोटि-कोटि नमन हे अमर जवान!!
तुझ पर गर्वित यह देश महान।
सब कुछ पीछे छूट चुका
सम्मुख है अब ओढ़ तिरंगा
चिरनिद्रा में हुआ लीन
वतन का दुलारा।
जिसको निज लहू की
एक-एक बूँद से अधिक था वतन प्यारा।
कोटि-कोटि नमन हे अमर जवान!!
तुझ पर गर्वित यह देश महान।
देश के हैं हम एक नागरिक
है यह हमारा भी दारोमदार
मिले उसे सम्मान, हो सुरक्षा परिजनों की
जिसका था वह
वास्तविक हकदार।
कोटि-कोटि नमन हे अमर जवान!!
तुझ पर गर्वित यह देश महान।