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Chandramohan Kisku

Inspirational

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Chandramohan Kisku

Inspirational

अभिलाषा ,लड़की की

अभिलाषा ,लड़की की

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हाँ, मैं लड़की हूँ 

पंक्षी हूँ माता-पिता के

आंगन की 

सीखा हूँ उड़ना 


अभी-अभी ही 

अपने हिस्से की आसमान 

नाप लेना चाहती हूँ 

मुझे उड़ने दो।


बोल सकुंगी 

उड़ सकती है,

अपने मन से 

आँधी की बात

न मानकर 

जिधर चाहूँ

उड़ूँ उधर 

मुझे उड़ने दो।


कलि फूल हूँ 

समाज बागवान की 

उड़ूँगी, बिछाऊँगी 

समाज की अच्छी सोच से 

सुगंध बिखेरूँगी 

चार

ो ओर 

मुझे खिलने दो।


नदी हूँ मैं

ठण्ड पानी की 

तुम्हारे जीत और हार की 

तुम्हारे मन और जीवन में 

प्यार और मिठास भरनेवाली  

मुझे बहने दो।


दो किनारों के बीच

छोटे-बड़े पत्थरों से 

जिधर से जाती हूँ 

सड़क बनाती जाती हूँ 

सभी तरह की गुस्से को 

आनंद और प्यार में

बदलती जाती हूँ 

मुझे बहने दो।


हाँ, मैं लड़की हूँ 

उड़ने दो, खिलने दो 

बहने दो, जीवन जीने दो।


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