अब की बारिश
अब की बारिश
अब की बारिश में कुछ याद आ गया
कुछ भूला बिसरा आँखों में आ गया
आंसू ही थे जो टपक रहे थे,
पर दुनिया को लगा कि भीग रहे थे
बारिश का पानी दिल में जा रहा था
उस दिन का मंजर भूले नहीं भुलाया जा रहा था
वो साथ मेरे सिर्फ कुछ पल रहे
पर मन में वह पल अब तक बसे रहे
सब कहते है भुला दूं उसको
पर दिल से कैसे निकाल फेंकू,
कि हर कतरे में समाई है वो