आवरण
आवरण
दुनिया भी एक आवरण है
लिपटा जिनमें हर एक इंसान है यहाँ
और जिनसे सुरक्षित भी है, जीवन हम सभी का
दिल में माया, मस्तिष्क में छाया हवस
ढके हैं सब एक मोह के आवरण से..
जन्म से मृत्यु तक !
जीते हैं हम आवरण में
स्वच्छंद यहाँ कौन है
बंधे लोग हैं किसी ना किसी आवरण से ..!
