आत्मा
आत्मा
कौन है वह
जो मुझे बुला रहा है
कुछ धुँधला सा साया है
स्पष्ट नहीं दिख रहा है
कोशिश करता हूँ
उसे पहचानने की
नज़दीक जाता हूँ
उसे देखने
यह क्या
कितना डरावना है
शक्ल मिलती है मुझसे
मेरी आत्मा है वो
कह रही है मुझसे
सुधर जा अब तो
बहुत कर लिए
छल कपट और प्रपंच
दूसरों का हक छीना
तभी तो मेरा आकर
डरावना हो गया है
कि तुम भी देख कर डर गए
जागो अब तो जागो
दया से मानवता के लिए
कुछ तो कर्म करो
कमजोरों का उत्थान करो
नफरत छोड़ प्रेम की बरसात
चारों ओर बरसा दो
