Manmohan Bhatia
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गाँव की बात करते हैं
देखने जाता कोई नहीं
जज़्बात सबके जुड़े हैं
रहने जाता कोई नहीं
याद गाँव की आती हैं
मुड़ कर देखता कोई नहीं
याद
मानवता
कर्म
आत्मा
नमन
देवदूत
लक्ष्य
प्रेम
समय
माँ