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Manmohan Bhatia

Others

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Manmohan Bhatia

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समय

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यह घड़ी नही है

मेरा एक रूप है

टिक टिक की आवाज

सबको बोध कराती है

मैं सदा आगे बढ़ता हूँ

कभी पीछे नही देखता हूँ

चलो तुम भी मेरे साथ

ताल से ताल मिलाते हुए

जियो हमेशा वर्तमान में

छोड़ो कल की पुरानी बातें

मत सोचो कल क्या होगा

जियो आज में जियो

मुस्कुराते रहो सदा

देखो मेरी ओर

मेरा हाथ थामे चलो आगे

न रखो राग द्वेष

न रखो बदले की भावना

सबको देखो एक समान

सबका करो आदर सम्मान

प्रेम से रहो

फैलाओ प्रेम की खुशबू

चारों ओर

और थामो मेरा हाथ



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