आतीत का दर्पण
आतीत का दर्पण
अक्षय अक्षुण धरोहर विरासत बैभव मन्दिर
विरासत बैभव संस्कृतिसंस्कार प्रेरणा प्रेरक।।
पीढ़ियों काल समय परिवर्तन
गति गौरव के संग्रह संग्रहालय भी
एक मंदिर यादों अवशेष अतीत दृष्टि
दिशा प्रेरणा प्रेरक पथ प्रदर्शक।।
मंदिर में मूरत म्यूज़ियम बीते दुनियां मैजिक चमत्कार
पुरुष पुरुषार्थ के संग सहोदर वर्तमान सूरज चाँद।।
आश्चर्य अचंभा कैसे होता होगा कैसा जीवन क्यों नहीं
हो सकते वैसा म्यूज़ियम की धन्य धरोहर जैसा।।
पथ प्रदर्शक निराला दर दीवारे भी बोलती अतीत को
परत दर परत खोलती बदले जीवन मूल्यों का
सिलसिला भाव भावनाओंमें उठती तरंग दुनिया
देशजीवन के संग अतीत अनेक जैसा।
समय की धाराओ प्रवाह का वाह बहती चलती जाग्रत करती
उत्साहित जीवन मुलयोकी राहें संग्रहालय।।।
वीरों के इतिहास बताते उनके अस्त्र शत्र आचरण
अलंकार मर्म मर्यादा की भाषा संग्रहालय।।
कला कलाकार सभ्यता जीवन चर्या का पल प्रहर काल
अद्भुत कला कृतियों का सत्यर्थ संग्रहालय।।
अद्भुत चित्रकार नृत्य के जाने कितने आयाम अलंकार
साहित्य की भाव भावनाओं का ना जाने कितने काल यथार्त संग्रहालय।।
जो नहीं जानते सुना नही कल्पना कि परिधि से परे
जाने क्या क्या संग्रह कर अपने अंतर्गत में रखता संग्रहालय।।
