आसमां का तारा
आसमां का तारा


दूर आसमां में एक तारा दिखता है।
उसमें सबको अपना सहारा दिखता है
अपने मुश्किलों से निकलने के ख़ातिर
सब मकड़ी सा ताना बुनने में माहिर।
जीवन में सूख पाने ताग ताग रचता
सूख कहीं ओर दिखे सबसे बचता।
जालों से ही बना जमाना सारा दिखता है
दूर आसमा में एक तारा दिखता है
उसमें सबको अपना सहारा दिखता है।
ठहाके लगते हैं यहां दूसरों के दर्द देख
ओरों के मजबूरी में सब रहे रोटीयां सेंक।
अपने स्वार्थ के लिए बिका सब ईमान।
दाम से बिका अस्मत बिक रहा इंसान।
हाय रे मजबूरी स़्वाथी में सहारा दिखता है
दूर आसमान में एक तारा दिखता है
उसमें सबको अपना सहारा दिखता है।