आशीर्वाद का भंडार
आशीर्वाद का भंडार
प्रातः वंदना सूर्य नमस्कार
देता है यह शक्ति आपार।
रिश्ते नाते सब याद आते
सब से ही मिलता है प्यार।
अपने ईष्ट का करो सत्कार
आशीर्वाद का मिले भंडार।
दिन आपका शुभ हो जाये
मीठा रखो सब से व्यवहार।
भजन सुनाओ भजन गाओ
भजन में ही मग्न हो जाओ।
दुख तुम्हे कोई छु न पायेगा
ईष्ट करायेगा भव सागर पार।