आर्थिक तंगी
आर्थिक तंगी
आज देश की आर्थिक स्थिति,
है तंगी में,
बाजार में मांग नहीं,
व्यापार भी नहीं,
फिर रोजगार नहीं,
जेब में रूपया भी नहीं।
गरीब के लिए मुश्किल,
कैसे कीचन चलाए,
कहां से पैसे लाए।
कोई समाधान भी नहीं दिख रहा,
हर कोई अपनी अपनी बात रख रहा,
किंतु कैसे कोई किसी पे करें विश्वास,
न जाने किसका हो सही उपचार,
सब उलझन में हैं,
लेकिन उलझन को सुलझाना,
अति आवश्यक है।
जब कुछ न सुझे,
जमीन के नजदीक जाएं,
शायद वहीं कुछ हासिल हो जाए।
गांव की अर्थव्यवस्था सुधारिए,
खेती-बाड़ी और उससे संबंधित कार्यों में,
साधन लगाइए,
शायद इससे मांग और आपुर्ती का चक्र चले,
उत्पादन बढ़े,
कारखाने लगें,
रोजगार आए,
और अर्थव्यवस्था संभल जाए।