आराधना
आराधना
प्रभु तेरी महिमा जान सकूँ
दे ऐसा दिव्य वरदान मुझे,
सुख दुख के क्षण में धैर्य रहे
दे ऐसा अदभुत ज्ञान मुझे।
मानव की सेवा धर्म बने
लगा सकूँ दीनन को गले,
द्वार से खाली जाए न कोई
दे प्यार का अमिट भंडार मुझे।
लूटा सकूँ अनमोल खजाना
मिटा सकूँ अज्ञान का तम
लोभ मोह के बंधन से
मुक्त करा दो प्रभु मुझे।