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PRATAP CHAUHAN

Abstract Inspirational

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PRATAP CHAUHAN

Abstract Inspirational

आपस में नहीं लड़ने देंगे

आपस में नहीं लड़ने देंगे

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202

अब चाहे जो षड्यंत्र रचे, 

अब चाहे विषैले भुजंग रहे।

हम हानि नहीं होने देंगे,

आपस में नहीं लड़ने देंगे।।

हम नतमस्तक हो जाएंगे ,

हम सबको साथ में लाएंगे।

अब एक ही बस अंजाम रहे,

यग युग मानवता नाम रहे।।

हम प्रेम को यंत्र बनाकर के,

नफरत को नहीं बढ़ने देंगे।

हम व्यर्थ किसी मुद्दे के लिए,

आपस में नहीं लड़ने देंगे।।

हम सबको मित्र बनाएंगे ,

एक पावन हृदय सजाएंगे ।

हम सभी भद्र बन जाएंगे,

एक सभ्य समाज बनाएंगे।।

हम नतमस्तक हो जाएंगे ,

हम सबको साथ में लाएंगे।

हम हानि नहीं होने देंगे ,

आपस में नहीं लड़ने देंगे।।



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