आओ फिर बच्चा बन जायें
आओ फिर बच्चा बन जायें
चित्त से चिंता को भगाएं
आओ फिर बच्चा बन जायें।
करनी सपनों की महल खड़ी
जीवन में है चिंता बड़ी
उधेड़बुन की जिंदगी में
खो गयी चेहरे की हंसी
चलो बिना बात के मुस्काये
आओ फिर बच्चा बन जायें।
किया श्रम पाया संसाधन
पर अब नाम की पड़ी
खुद को साबित करने को
जीवन में स्पर्धा बड़ी
प्रेम के खातिर चलो
प्रतिष्ठा को ठुकराये
आओ फिर बच्चा बन जायें।
अपनों को सुरक्षित करते
जीवन बिता लड़ते लड़ते
मैं और मेरा करते करते
अंत में पाया खुद को अकेले
चलो सबको गले लगाये
आओ फिर बच्चा बन जायें।
बाहर झूठी हंसी पर भीतर रखे गुमा
दूसरे को नीचा दिखाने ढूंढ रहे मौका
जीवन की आटा चक्की में
कब तक खुद को पिसते जायें
चलो बीती बातों को भुलाये
आओ फिर बच्चा बन जायें।
अंदर से चाहे टूटे
बाहर बन पाषाण खड़ा
दुर्बलता ना झलक जाए
सो खुद को किए कड़ा
भाव के आँसू जो रोके
तभी तो मर्द कहलाये
चलो मन को हल्का करें
छोटी बातों पर रो जाए
आओ फिर बच्चा बन जायें।
बच्चा से बड़ा तो सभी बनते
बड़ा से बच्चा आसान नहीं
पद प्रतिष्ठा जो नीरस जाना
जीवन आज है कल नहीं
चेहरे पर जब निर्मल हँसी
बच्चा बन पाएगा तभी।
