आओ मिलकर याद करे
आओ मिलकर याद करे
आओ मिलकर याद करें, जन जन हृदय विजेता को,
उस सुभाष बलिदानी को, नेताओ के नेता को
अक्सर दुनिया के लोग समय मे चक्कर खाया करते है
लेकिन कुछ ऐसे होते है जो इतिहास बनाया करते है
वे कहा गये कहा रहे
ये धूमिल अभी कहानी है
हमने तो उनकी नयी कथा
आजाद फौज से जानी है,
इस आजादी के मतवाले ने तुम मुझे खून दो
मै तुम्हें आजादी दूंगा का नारा दिया,
ओर देखते ही देखते पूरे देश को जगा दिया,
क्रांति की मशाल जलाकर अंग्रेजो को हिला दिया,
यह उसी वीर इतिहास-पुरुष की अनुपम अमर कहानी है।
जो रक्त कणों से लिखी गई, जिसकी जय-हिन्द निशानी है।।