STORYMIRROR

Nirmal Verma

Others

3  

Nirmal Verma

Others

चाहत

चाहत

1 min
410

जो चाहिए वो ही नहीं मिलता

समन्दर से नदी नहीं मिलती


चाँदनी रात भी और संदली हवा भी

सर्दी में केवल रजाई नहीं मिलती


बदल गए चेहरे कितने काश्मीर के

कभी झेलम कभी राबी नहीं मिलती


सब छीन लिया कंप्यूटर मोबाइल ने

अब कलमों को स्याही नहीं मिलती


ग़म, धोखा, फरेब, तिजारत, रुसवाई

मोहब्बत में बस दवाई नहीं मिलती


गाँव घर छोड़ा, बीवी-बच्चे छोड़ दिए

पर इस शहर में कमाई नहीं मिलती


Rate this content
Log in