आओ हम ठहर जाए
आओ हम ठहर जाए
देखो न सब मचल रहे हैं ,
आओ हम ठहर जाएं ।
ठहर जाएं कुछ पल के लिए ,
कई रुत गुजर गई ,ठहरते हैं अब ।
आओ न एक नई सुबह की तलाश करें ,
जो बस हमारा हो, और हम वहाँ ठहर जाएं ।
ना तुम्हें कोइ रोके
ना मैं कहीं रूकूं,
ना रिश्तों की बंदिश हो
ना दुनिया की परवाह ,
कहीं बस्ती बसा के
हम तुम एक दूसरे को देखें ।
उस सन्नाटे की तलाश करें ,
जहाँ बस दोनों की धड़कनें सुनाई दे ।
देखो न सब मचल रहे हैं,
आओ हम ठहर जाएं ।
कि सजने सँवरने की जरूरत ही नहीं ,
क्यूंकि तुमहारी निगाहों से अच्छा
किसी ने सँवारा ही नहीं ।
लोग कहते थे कि मिसाल वाली मोहबत
नसीब से मिलती है ,
आज किस्मत पर यकीन हुआ
देखो न सब मचल रहें हैं,
आओ हम ठहर जाएं ।।