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Nand Kumar

Abstract

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Nand Kumar

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आओ हम कर्तव्य निभाएं

आओ हम कर्तव्य निभाएं

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201


आओ हम सब अपने अपने, 

मिल कर्तव्य निभाएं।

कर्तव्यनिष्ठ बन कर अपनी, 

धरती को स्वर्ग बनाएं।।


पिता पुत्र गुरु शिष् पति पत्नी, 

पुत्री बहन भ्रात अपनाएं।

इनके प्रति कर्तव्य जो अपना, 

निभा उसे सुख पाएं।।


खग पशु आदि निराश्रित प्राणी, 

उनको सुख पहुंचाएं।

वृक्ष धरा के भूषण उनके हित ,

हम आगे बढ कर आएं।।


संविधान अरु नैतिक मूल्यो को,

हम सहर्ष अपनाएं।

भौतिक सार्वजनिक संसाधन, 

उनको सदा बचाएं।।


देश के हित की खातिर अपने,

निजी हितो को भुलाएं।

हंसी खुशी से मिलकर आओ, 

निज कर्तव्य निभाए।।


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