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Saroj Garg

Inspirational

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Saroj Garg

Inspirational

आओ घमंड भाव का परित्याग करें

आओ घमंड भाव का परित्याग करें

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जीवन का है यही सार ,

 सादा जीवन उच्च विचार। 

 घृणा भाव का परित्याग करें ,

 इनसे पाये नरक का द्वार। 


 जाति -पाति का भेद मिटा दे,

 सबसे प्रीत ही करना ।

घट-घट में है राम बिराजे ,

 परोपकारी ही बनना। 


 धन-दौलत के लालच में ,

 मत बनो अत्याचारी। 

 राजा हरिश्चंद्र ने राज्य त्याग ,

 मरघट की की थी रखवाली। 


 घृणा भाव का परित्याग करो ,

 ये इतिहास भी याद करो ।

 ये देश हम सबका है ,

 हर प्राणी का आदर करो ।


  साहित्य कार और कलमकार,

  संगठित होकर प्रचार करें। 

  घृणा और द्वेष भाव से ,

  अपने देश को मुक्त करें। 


  हिन्दु,मुस्लिम,सिक्ख ,ईसाई ,

  सब मिल बोले भाई -भाई ।

  सबका खून भी लाल है ,

  सब मिल बोले जय भारत माई।


  पेड़-पौधे,सूरज, नदिया ,

 बिन मांगे सब देते हैं। 

  धन-दौलत का घमंड न करो ,

  खाली हाथ ही जाते हैं। 


 परोपकार करो दीनों पर ,

 सब कुछ यही रह जाना है।

  माटी से ये बना शरीर,

  माटी में मिल जाना है। 


  इसलिए कहा है सबसे,

  घमंड भाव का परित्याग करो। 

  सदभावना रखो जीवन में ,

  परोपकार ही सदा करो ।


  


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