आंखों में आंसू कितने
आंखों में आंसू कितने
आंखों में बुंदे कितनी
गिनूँ मैं जितनी।
अनमोल वह मोती
कीमत है उतनी।
छिपा है दर्द उसमें
दिल की भी कहानी।
टपकते जब कभी
ना समझो पानी।
हँसते हँसते कभी
कहे मैं दीवानी।
गालों पर थमे तो
याद आये सुहानी।
हो बरसात कभी
लगे आसमानी।
रोक कर भी रुकना
बस करे मनमानी।
