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Rishab K.

Abstract

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Rishab K.

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आंखें

आंखें

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कमबख्त कारीगर ने यूं तेरी आंखों को तैयार किया,

कुछ नशा, थोड़ा कशिश, और फिर जादू इनमें मिला दिया,

जिसने देखा जमाने में तुझको, बस वाह वाह किया,

मैनें देखा तो गदर मच गई, बर्क गिर गया, सांसे थम गई और में फना हो गया ।।


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