आखिर क्यों???
आखिर क्यों???
क्यों हमें इस डर के साथ जीना पड़ता है कि ,
कहीं कुछ ग़लत ना हो जाए,
क्यों हर शाम एक बेचैनी हमारे मन से खेलती है,
क्यों ये गलियां हमें गंदी नजरो से देखती है,
क्यों हमारी आजादी किसी के लिए हैवानियत बन जाती है,
क्यों हमारे सपने उड़ान भरने से पहले ही कुचल दिए जाते हैं ,
क्यों हमारी ज़िन्दगी उनके पावों तले कुचल दी जाती है,
क्यों बेगुनाही के बावजूद सजा - ए- मौत हमें मिलती है।
आखिर क्यों??
